Sunday, February 2, 2014

क्षणिका – एहसास

क्षणिका – एहसास

बापस कर दो मुझे
मेरे एहसास
मेरी स्वांस
थक चुका हूँ मैं
नाचते नाचते
शब्दों के इशारों पर
पन्नों के सहारों पर
कठपुतली की तरह …
n  नीरज द्विवेदी Neeraj Dwivedi
n  https://www.facebook.com/LifeIsJustALife


4 comments:

प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --

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