Tuesday, October 14, 2014

क्षणिका - जल्दी बीतो न Jaldi Beeton Na

क्षणिका - जल्दी बीतो न

जल्दी बीतो न,
दिन,
रात
और दूसरे समय के टुकड़ों ...

तेज चलो न
घडी की सुईयों
धक्का दूँ क्या ...

ये टिक टिक
जल्दी जल्दी टिक टिकाओ न …

तुम्हारा क्या जाता है?

-- नीरज द्विवेदी



Jaldi beeto n,
din,
raat
aur dusre samay ke tukdaon ...

Tej chalo n
ghadi ki suiiyon
dhakka dun kya ...
Ye tik tik
jaldi jaldi tiktikao na ...

Tumhara kya jata hai?


-- Neeraj Dwivedi

2 comments:

प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --

Featured Post

मैं खता हूँ Main Khata Hun

मैं खता हूँ रात भर होता रहा हूँ   इस क्षितिज पर इक सुहागन बन धरा उतरी जो आँगन तोड़कर तारों से इस पर मैं दुआ बोता रहा हूँ ...