Tuesday, May 27, 2014

क्षणिका - एक कविता Ek Kavita


आज एक कविता लिख रहा हूँ तुम पर,
बाद में कभी
पढना इसे
और मुझे भी …

n  नीरज द्विवेदी
n  Neeraj Dwivedi

3 comments:

  1. आपकी लिखी रचना बुधवार 28 मई 2014 को लिंक की जाएगी...............
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  2. खुबसूरत अभिवयक्ति.....

    ReplyDelete

प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --

Featured Post

मैं खता हूँ Main Khata Hun

मैं खता हूँ रात भर होता रहा हूँ   इस क्षितिज पर इक सुहागन बन धरा उतरी जो आँगन तोड़कर तारों से इस पर मैं दुआ बोता रहा हूँ ...