आज बहुत दिनों बाद किसी मॉल में गया। हालाँकि गुडगाँव
जैसे शहर में रहते हुए जहाँ माल्स चाय की दुकानों की तरह हर नुक्कड़ पर मिल जाते हैं,
इनसे बचे रहना एक उपलब्धि से कम नहीं है। गया भी तो मूवी देखने और ये शुभ काम (हॉल
में मूवी देखने का) मुझसे पिछले एक साल में नहीं हो पाया था। इसकी एक वजह थी, बाहर
कहीं मूवी देखने के लिए अक्सर एक ग्रुप की जरुरत होती है, लोग चाहे परिवार के सदस्य
हो, मित्र हों या सहकर्मी हों, पर होने चाहिए।
आज भी मैं अकेला ही
था, आज भी मुझे कोई सामान नहीं लेना था, न तो विंडो शौपिंग का ही शौक था और न वहां
पाई जाने अति शुभ दर्शनी कन्याओं का आकर्षण कोई कारण था, इसलिए अपने मन से गया भी नहीं
था। विवेकानंद जी ले गए थे।
कौन विवेकानंद? अगर
आपके मन में यही प्रश्न है तो बता दूँ वही विवेकानंद जिनकी छवि आपके मन में अभी कौंध
गयी थी। हाँ वही एक्चुअली मैं मूवी देखने गया था "The Light Swami
Vivekanand". इसी फिल्म ने मुझे मजबूर किया अकेले MGF Mall, MG Road, Gurgaon
जाकर इसे देखने के लिए। इसी मॉल में इसलिए गया क्योंकि गुडगाँव के इसी मॉल के PVR
Cinemas में इस मूवी का दिन भर का एकमात्र show चल रहा था।
मूवी देखते हुए बिताया गया एक एक पल लग रहा था जैसे
किसी पवित्र स्थान पर बैठ कर राष्ट्रभक्ति के भावों की साधना कर रहा हूँ। चाहे वो विले
(नरेन्द्र (विवेकानंद) के बचपन का नाम) का माँ काली से धन दौलत के स्थान पर ज्ञान,
विवेक और वैराग्य की मांग का संवाद हो या सर्व धर्म सभा में बोले गए भाषण के शब्द,
ये सब सिहरन तो दौड़ाते ही हैं सच में अंतर्मन में विकसित होते प्रकाश की अनभूति भी
कराते हैं।
ये बात अलग थी की ये
show होउसेफ़ुल था पर यहाँ एक बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा होता है और वो ये कि इस देश के लोगों
का, दर्शकों का मानसिक स्तर फूहड़ता और डबल मीनिंग कॉमेडी से बाहर ही नहीं आ पाता है,
किसी फिल्म के रूप में सार्थक विषय को पचाना तो दूर सहन तक नहीं कर पाता है। क्या यही
कारण नहीं है कि दिन भर में पूरे गुडगाँव के सभी सिनेमाघरों को मिलाकर इस फिल्म को
मात्र एक show ही नसीब हुआ?
अब यदि मेरा प्रश्न
उचित है तो इस देश के विचारकों को उनकी बौद्धिकता को इस पर विचार करने की अत्यावश्यकता
है। क्योंकि समाज का मानसिक स्तर ही बहुत सी, स्त्रियों की असुरक्षा इत्यादि समस्यायों
का कारण और उनका हल है।
-- Neeraj Dwivedi
सादर नमन
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.सादर नमन
ReplyDeleteरोचक व सार्थक पोस्ट !
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