जीवन क्या
है, आसमान के एक टुकडे का, मीठा पानी,
गिरा जमीं पर, चला खड़ा हो,
कहने को एक नयी कहानी,
थोडा हंसकर
ज्यादा रोया, जो भी पाया सब कुछ खोया,
खारा होकर दुनिया से, जब चला न छोड़ी एक निशानी।
जीवन क्या
है, आसमान के एक टुकडे का, मीठा पानी।
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Neeraj Dwivedi
गहन अभिव्यक्ति .....
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना ....शुभकामनायें ....
सुन्दर कविता......नीरज जी...
ReplyDeleteसुन्दर कविता......नीरज जी...
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ReplyDeleteखरी खरी सुन्दर अभिव्यक्ति !
latest post झुमझुम कर तू बरस जा बादल।।(बाल कविता )
bahut sunder kavita hai aapki dil ko touch karne wali
ReplyDeleteBhut sundar rachna
ReplyDeleteSundar kavita
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