हरिवंश राय बच्चन जी की एक कविता "एक नया अनुभव" में कवि
चिड़िया से कहता है कि मुझे तुझसे प्यार है मैं तुझ पर कविता लिखना चाहता हूँ। तब
चिड़िया पूंछती है "प्यार का शब्दों से क्या सरोकार है" .... इसी प्रश्न
के उत्तर में कुछ पंक्तियाँ निवेदित हैं ---
है न, सरोकार है न ...
प्यार और
दर्द का रिश्ता तो पता ही होगा ...
और
दर्द जब
बूँद बनता है
जब व्यक्त
होना चाहता है
जब बहना
चाहता है
जब कम होना
चाहता है
तब उसे या
तो
चक्षु
रास्ता देते हैं या कलम ...
वो बूँद
बनता है या शब्द
कुछ एहसास
हुआ?
यदि हुआ
तो मालुम चल
गया होगा
क्या रिश्ता
है
प्यार का
शब्दों से।
-- नीरज द्विवेदी
-- Neeraj Dwivedi
-- Neeraj Dwivedi
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प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --