कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
जीवन का मोह न छूटा,
छूट गए सब दर्द पराए,
सुख दुख की राहगुजर में,
अपनों ने सारे स्वप्न जलाए,
अब तो बस कुछ नाम संग हैं, जपने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
जी कर जर्जरता मनुज देह की,
माटी से हिया न रूठा,
सपने टूट गए अपने छूट गए,
खून पसीने सने गेह से नेह न छूटा,
जीती है मर मर कर करुण कथाएँ, बकने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
खोटा सूनापन अंधियारापन,
समय का अनचाहा आवारापन,
सब कुछ ही सौंप चली जिनको,
उसने उनसे ही पाया बंजारापन,
चिंतित फिर कुछ रह गए काम, करने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
उस दिन उड़ गया पखेरू,
माटी का गागर था, फूटा,
छोड़ छाड़ सब देह धरम,
उन माँ ने क्या पाया क्या छूटा,
फिर भी रह गया मोह बस लावारिस, जलने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
-- Neeraj Dwivedi
जीवन का मोह न छूटा,
छूट गए सब दर्द पराए,
सुख दुख की राहगुजर में,
अपनों ने सारे स्वप्न जलाए,
अब तो बस कुछ नाम संग हैं, जपने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
जी कर जर्जरता मनुज देह की,
माटी से हिया न रूठा,
सपने टूट गए अपने छूट गए,
खून पसीने सने गेह से नेह न छूटा,
जीती है मर मर कर करुण कथाएँ, बकने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
खोटा सूनापन अंधियारापन,
समय का अनचाहा आवारापन,
सब कुछ ही सौंप चली जिनको,
उसने उनसे ही पाया बंजारापन,
चिंतित फिर कुछ रह गए काम, करने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
उस दिन उड़ गया पखेरू,
माटी का गागर था, फूटा,
छोड़ छाड़ सब देह धरम,
उन माँ ने क्या पाया क्या छूटा,
फिर भी रह गया मोह बस लावारिस, जलने को।
कब से तरस रहीं दो आँखें, अपनों को।
-- Neeraj Dwivedi
उस दिन उड़ गया पखेरू,
ReplyDeleteमाटी का गागर था, फूटा,
छोड़ छाड़ सब देह धरम,
उन माँ ने क्या पाया क्या छूटा,
फिर भी रह गया मोह बस लावारिस, जलने को।
कब से तरश रहीं दो आँखें, अपनों को।बहुत अधिक रागात्मक रीतापन लिए रही यह रचना अपनों सी ... .कृपया यहाँ भी पधारें -
शनिवार, 11 अगस्त 2012
कंधों , बाजू और हाथों की तकलीफों के लिए भी है का -इरो -प्रेक्टिक
मार्मिक रचना आभार
ReplyDeleteप्रभावशाली रचना , आभार आपका !
ReplyDelete
ReplyDeleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/