ये तो बस कुछ पल होते हैं, जब इतना वैचैन होते हैं,
और वो साथ नही ये जान, हम तो बस मौन होते हैं।
होंठ विवश समझ, चल पडती है लेखनी इन पन्नों पर,
कोशिश खुशी बाँटने की, पर पन्ने बस दर्द बयाँ करते हैं॥
Saturday, March 10, 2012
होलिका के रंग
Labels:
Colors,
Life,
Life is just a Life,
Love,
Neeraj Dwivedi,
होलिका के रंग
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Featured Post
मैं खता हूँ Main Khata Hun
मैं खता हूँ रात भर होता रहा हूँ इस क्षितिज पर इक सुहागन बन धरा उतरी जो आँगन तोड़कर तारों से इस पर मैं दुआ बोता रहा हूँ ...

प्रशंसनीय की आलोचना करना भी चाहूँ , तो कैसे करूँ ?
ReplyDelete