ये तो बस कुछ पल होते हैं, जब इतना वैचैन होते हैं, और वो साथ नही ये जान, हम तो बस मौन होते हैं। होंठ विवश समझ, चल पडती है लेखनी इन पन्नों पर, कोशिश खुशी बाँटने की, पर पन्ने बस दर्द बयाँ करते हैं॥
बहुत बहुत शुभकामनाएं...
बहुत सुंदर शुभकामना है जन्म दिन की !
bahut hi jabardast rachna likhi hai aapnejai hind jai bharat
mast hai bhai........
प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --
मैं खता हूँ रात भर होता रहा हूँ इस क्षितिज पर इक सुहागन बन धरा उतरी जो आँगन तोड़कर तारों से इस पर मैं दुआ बोता रहा हूँ ...
बहुत बहुत शुभकामनाएं...
ReplyDeleteबहुत सुंदर शुभकामना है जन्म दिन की !
ReplyDeletebahut hi jabardast rachna likhi hai aapne
ReplyDeletejai hind jai bharat
mast hai bhai........
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