Saturday, October 1, 2011

रंग खुदा के



ये सारे रंग हैं उसके जिसने रची है दुनिया,
प्यार से देख कितनी सजी है ये दुनिया,
छोड़ो लड़ाई झगड़ेनफरत के बीज बोना,
प्रेम से रहो तो जन्नत में बसी है ये दुनिया.



2 comments:

  1. वाह ! बहुत सुंदर भावों और शब्दों से सजी कविता !

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प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --

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