Wednesday, September 21, 2011

बंदरों की जंग






खेल खेल की जंग है याहिन्दू मुस्लिम दंगे हैं?
न हरा रंग है न है भगवादेखो ये पूरे नंगे हैं
इन्हें ना ही नफरतना ही कुछ पाने की हसरत,
जान लिया है मैंने अब तोबस मानव ही बेढंगे हैं॥

किसने कहा श्रेष्ठ हैं मानवये तो सब भिखमंगे हैं
ये तो सब भिखमंगे हैं॥

4 comments:

प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --

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