Thursday, August 25, 2011

ये मद्धिम रोशनी



ये मद्धिम रोशनी तहकीकात किया करती है,
अक्सर ये मेरे ख्वाबों से बात किया करती है,
इस पर मैं तो करता हूँ इससे नफरत बहुत,
ये मेरे प्यार से भी मुलाकात किया करती है॥

No comments:

Post a Comment

प्रशंसा नहीं आलोचना अपेक्षित है --

Featured Post

मैं खता हूँ Main Khata Hun

मैं खता हूँ रात भर होता रहा हूँ   इस क्षितिज पर इक सुहागन बन धरा उतरी जो आँगन तोड़कर तारों से इस पर मैं दुआ बोता रहा हूँ ...